एक फायरमैन हर तरह की आग से कई स्थानों जैसे गगनचुम्भी इमारतों, घरों, दुकानों इत्यादि में सबसे आगे जूझता है ताकि वो हर तरह से जान माल ली रक्षा कर सके| इस तरह से वह अग्निशमन विभाग में एक अहम् भूमिका निभाता है| इसलिए यह कहने में बिलकुल दोराहे नहीं है की आग से लड़ना फायरमैन के बिना नामुमकिन है|
किसी भी आपातकालीन स्थिति में एक फायरमैन सबसे अहम् होता है जो आग पर काबू पाने में सक्षम होता है| अतः इस कार्य को देश सेवा के पर्याय माना जाता है और समाज में उच्च कोटि में रखा गया है| अगर आप समाज के हित और देश की सेवा में अपना योगदान देना चाहते है तो यह एक बेहतरीन करियर आप्शन है|
शारीरिक गुण
एक फायरमैन के शैक्षणिक गुणों के अलावा बुनियादी शारीरिक गुणों को भी ध्यान में रखा जाता है| आपको हृष्ट-पुष्ट शारीर होना भी अनिवार्य है और आपको सांस की किसी भी तरह की बीमारी नहीं होनी चाहिए| अभ्यर्थी को 60 kg. का वजन उठाने की क्षमता होना अनिवार्य है| नज़र की बात करें तो विज़न 6/6 होना अनिवार्य है और न्यूनतम लम्बाई 5 ft. 7 in. होनी चाहिए|
शैक्षणिक योग्यता और प्रशिक्षण – NAFS
अभ्यर्थी को केवल 10वीं कक्षा पास करनी अनिवार्य है वो भी किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से| इसके बाद आप सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते है जो छह महीने का होता है| प्रक्षिक्षण के दौरान आपको कई तरह की तकनिकी जानकारी दी जाएगी जैसे पानी की बौछार को कैसे इस्तेमाल करना है, अलार्म, और कैसे आपातकालीन स्थिति में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाना है वो भी कम से कम संसाधनों से|
फायरमैन बनने के लिए कहाँ है अवसर?
जे. एस. लाकड़ा Delhi College of Fire Safety Engineering के डायरेक्टर हैं जिनके अनुसार आप फायर सर्विसेज में असीम संभावनाए पा सकते है और अपना रोजगार ढूंढ सकते हैं| सरकारी और प्राइवेट जगहों के आलावा फायरमैन की डिमांड आज कल मल्टीप्लेक्स, मॉल और होटल्स में भी है| फायर फाइटिंग टीम आजकल हर जगह बनायीं जाती है चाहे वो जिला हो या महानगर और फायरमैन आजकल हर जगह डिमांड में है|
अगर केंद्र और राज्य सरकार की बात करें तो फायरमैन विभिन्न विभागों, अर्धसैनिक बल और रक्षा सेनाओं जैसे नेवी, आर्मी, बीएसएफ, एयर फ़ोर्स, सशस्त्र सीमा बल, आइटीबीपी, आदि और अग्निशमन सेवाओं में अपना योगदान देते हैं| फायरमैन अग्निशमन से जुड़े हर पहलु को देखते है जैसे जरुरी उपकरणों की देख रेख और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहते है ताकि जान माल की हानि कम से कम हो|
आगजनी जैसी स्थिति को कण्ट्रोल करने के लिए वह सहकर्मियों को भी प्रशिक्षित करते हैं और जरुरत पड़ने पर मॉक-ड्रिल भी आयोजित करते हैं| इसके आलावा एक फायरमैन ज्यादा से ज्यादा काम कम समय में करने और फुर्ती और धैर्य के साथ करने में भी निपुण होता है|